बलौदाबाजार। यूनाइटेड स्टेट्स डॉलर प्रदान करने का झांसा देकर 12 लाख से अधिक की ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एफआईआर के तत्काल बाद कार्यवाही कर ठगी की संपूर्ण रकम बरामद कर ली गई है। मामला भाटापारा थाना क्षेत्र का है।
महासमुंद जिले के महासमुंद थाना क्षेत्र के ग्राम तेंदुकना निवासी पीड़ित चेतन सिंह पटेल पिता सुंदर पटेल 30 साल ग्राम चौकबेड़ा,भुरकोनी थाना तेंदुकोना ने साइबर क्राइम पोर्टल के माध्यम से महासमुंद थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए बताया कि वह नवी मुंबई में एक्सिड इंडस्ट्री में काम करता है पारिवारिक काम से पलारी के सिसदेवरी रिश्तेदारी में आया था। जहां उसे व्यक्तिगत कारण से पैसा विड्रॉल के लिए 12 लाख 34 हजार 500 रूपये के यूएसडीटी की जरूरत होने से बायनेंस एप का यूज किया, जिससे उसको ट्रेडर का नाम कांटेक्ट नंबर मिला। बैंक अकाउंट नंबर भी मिला। जिस पर पीड़ित ने 12 लाख 34 हजार 500 रुपए जमा करवा दिया। लेकिन उसे जब उसके बदले में कोई करेंसी नहीं मिली तो उसने संबंधित कांटेक्ट नंबर पर मैसेज किया व फोन किया पर पैसे वापस करने से इनकार करते हुए दुर्व्यवहार किया गया। ठगी का एहसास होने पर महासमुंद जिले के महासमुंद थाने में ऑनलाइन ठगी की एफआईआर दर्ज करवाई गई।
भारतीय न्याय संहिता के नए कानून का पालन करते हुए जीरो में 420 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज किया गया चूंकि पीड़ित द्वारा भाटापारा सिटी के आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से ट्रांजैक्शन किया गया था इसलिए घटनास्थल भाटापारा सिटी होने के चलते भाटापारा थाने को अग्रिम कार्यवाही के लिए मामला भेजा गया भाटापारा सिटी पुलिस ने तत्काल ऑनलाइन जीरो में फिर प्राप्त करके सूचना दिया गया। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर थाना प्रभारी प्रवेश तिवारी ने प्रकरण को विधिवत रूप से नंबर ही अपराध कायम किया। एसपी विजय अग्रवाल के निर्देश पर थाना प्रभारी परिवेश तिवारी ने स्वयं संबंधित बैंक जाकर विस्तृत जानकारी प्राप्त किया। जिसमें आरोपी विपुल शुक्ला के बैंक अकाउंट फोटो पैन नंबर आधार कार्ड के आधार पर आरोपी तक तत्काल साक्ष्यों की मदद से अपराध करने के कुछ घंटे में पुलिस पहुंच गई। बिलासपुर जिले के राजकिशोर नगर क्षेत्र में आरोपी 26 वर्षीय विपुल शुक्ला पिता अशोक शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी विपुल शुक्ला पिता अशोक शुक्ला उम्र 26 वर्ष निवासी राजकिशोर नगर थाना सरकंडा बिलासपुर से 50 हजार नगद के साथ शेष रकम यूनाइटेड स्टेट्स डॉलर के रूप में बरामद किया गया। मामले में पुलिस ने बताया कि ई लेनदेन को लेकर इस तरह से लाखों रुपए की ऑनलाइन धोखाधड़ी की जा रही है। पीड़ित के द्वारा पहले भी चार से पांच बार ऑनलाइन एप के माध्यम से ट्रेडिंग की जा चुकी थी। इसलिए इस बार भी उसने भरोसे में आकर रकम जमा कर दी और ठगी का शिकार हो गया था। पुलिस ऑनलाइन सिस्टम की कार्यप्रणाली के लिए रिजर्व बैंक और सेबी की गाइडलाइन का अध्ययन कर रही है।