तमिलनाडु सीेएम ने कहा, पुलिस कस्टडी में बाप-बेटे की मौत की होगी सीबीआई जांच
तमिलनाडु की सरकार ने तूतीकोरिन जिले में बाप और बेटे की की मौत के मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का फैसला किया है। दोनों की मौत कथित तौर पर पुलिस उत्पीड़न के कारण हुई थी। यह बात रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने कही।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार के निर्णय के बारे में मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित कर दिया जाएगा और केंद्रीय एजेंसी को जांच स्थानांतरित करने से पहले उच्च न्यायालय से अनुमति ली जाएगी। पलानीस्वामी ने कहा, ”सरकार ने निर्णय किया है कि सीबीआई मामले की जांच करेगी।”
पी. जयराज और उनके बेटे फेनिक्स को अपनी मोबाइल फोन की दुकान समय सीमा के बाद खोलकर लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 23 जून को गिरफ्तार किया गया था। उनके रिश्तेदारों ने आरोप लगाए कि पुलिसकर्मियों ने सातनकुलम थाने में उनकी बुरी तरह की पिटाई की। इस घटना की राष्ट्रीय स्तर पर तीखी प्रतिक्रिया हुई जिसके बाद दो उपनिरीक्षकों सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में सथनकुलम गांव के पिता-पुत्र की कथित तौर पर पुलिस हिरासत में मौत के मामले को लेकर कई बड़ी हस्तियों समेत हजारों लोगों ने सोशल मीडिया पर न्याय की मांग कर रहे हैं। तूतीकोरिन जिले में पुलिस ने 19 जून को लॉकडाउन का उल्लंघन करने को लेकर पिता पुत्र को हिरासत में लिया था।
पी जयराम और उनका बेटा बीनिक्स मोबाइल की दुकान चलाते थे। बाप-बेटे की 23 जून को कोविलपट्टी स्थित अस्पताल में मृत्यु हो गई। जयराम की पत्नी का आरोप है कि पुलिस स्टेशन में बर्बरता से पीटने के कारण उनके पति और बेटे की मौत हुई है। इस मामले में अब आम लोगों के साथ ही कई बड़े सितारे भी सोशल मीडिया पर न्याय की मांग कर रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर #जस्टिसफॉरजयरामएंडबीनिक्स और #जस्टिसफॉरजयरामएंडफीनिक्स लगातार ट्रेंड कर रहा है। अभिनेत्री खुशबू सुंदर ने न्याय की मांग करते हुए शनिवार (27 जून) को ट्वीट किया, ”बस बहुत हो गया! हम फुरसत से बैठकर इंसाफ की प्रतीक्षा नहीं कर सकते। ऐसी बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पिता-पुत्र की मौत के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को अदालत को कड़ी सजा देनी चाहिए। यह अमानवीय घटना है।”