मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण मिशन के अंतर्गत, सुरक्षा और रोजगार की गारंटी के साथ बढ़ा महिला श्रमिकों का सम्मान


रायपुर। हर वर्ष 1 मई को हम श्रमिक दिवस मनाते हैं। यह एक ऐसा दिन जो श्रमिकों के अथक परिश्रम, संघर्ष और योगदान को सम्मान देने का अवसर प्रदान करता है। छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक संपदा के लिए प्रसिद्ध है, राज्य की आर्थिक प्रगति में महिला श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी जाना जाता है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में महिला श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की गई है। जिसमें मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण मिशन के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए विशेष सहायता दी जा रही है। नई श्रमिक नीति द्वारा असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत महिला श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी की गारंटी और कार्यस्थल पर सुरक्षा मानकों को अनिवार्य बनाया गया है।
महिला शक्ति केंद्रों के विस्तार से प्रत्येक जिले में महिला शक्ति केंद्र स्थापित कर महिला श्रमिकों को कानूनी सहायता, स्वास्थ्य सुविधा और रोजगार परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देकर महिला स्वावलंबन के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। सखी वन स्टॉप सेंटर में हिंसा से पीडि़त महिलाओं के लिए त्वरित सहायता और पुनर्वास की व्यवस्था। मनरेगा में महिलाओं के भागीदारी बढ़ाने रोजगार दिवसों में महिलाओं के न्यूनतम 50 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने की पहल शामिल हैं।