भारत के साथ सीमा विवाद पर नेपाल के तेवर हुए नरम, विदेश मंत्री ने कहा- सिर्फ बातचीत से ही हल संभव
काठमांडू। भारत के लिंपियाधुरा, कापालानी और लिपुलेख को अपना हिस्सा बताकर नया राजनीतिक नक्शा जारी करने वाले नेपाल के तेवर अब नरम पड़ चुके हैं। आपसी कलह से जूझ रही नेपाल सरकार अब भारत के साथ सिर्फ बातचीत के जरिए ही सीमा विवाद के हल की बात कर रही है। नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने सरकारी नेपाली टेलीविजन के साथ इंटरव्यू के दौरान कहा कि भारत और नेपाल के बीच क्षेत्रीय विवाद का सामाधान सिर्फ बातचीत के जरिए हो सकता है।
भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर हाल के महीनों में आई तल्खी के बीच नेपाल की अकड़ ढीली पड़ती नजर आ रही है और संबंध सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए नेपाल में भारत पोषित परियोजनाओं पर 17 अगस्त को दोनों देशों के अधिकारी बातचीत करेंगे।
नेपाल-भारत निरीक्षण तंत्र की यह 8वीं बैठक दोनों देशों के मध्य हाल के सीमा विवाद से उत्पन्न तल्ख तेवरों में नरमी की उम्मीद के तौर पर देखी जा रही है। 9 माह बाद हो रही यह बैठक 17 अगस्त को काठमांडू में प्रस्तावित है। काठमांडू पोस्ट के अनुसार नेपाल के विदेश मंत्रालय ने इस बैठक की पुष्टि की है।
विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने कहा, ‘हमारे पास बातचीत के अलावा विकल्प नहीं है।’ उन्होंने आगे कहा,’ सीमा विवाद को लेकर हम अपने सभी संबंधों को बंधक बनाकर नहीं रख सकते हैं।’ तंत्र की बैठक का दौर प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की 2016 में भारत यात्रा के बाद स्थापित हुआ। इसका मकसद आपसी परियोजनाओं के क्रियान्वयन और समयसीमा के भीतर इन्हें पूरा करने के लिये आवश्यक कदम उठाना था।
नेपाल की तरफ से बैठक की अगुआई विदेश सचिव शंकर दास बैरागी करेंगे। भारतीय दल का नेतृत्व नेपाल में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा करेंगे। यह बैठक हालांकि भारत पोषित परियोजनाओं की समीक्षा के लिये हो रही है,किंतु अधिकारियों और राजनायिकों का कहना है कि इसे दोनों देशों के बीच फिर से बातचीत शुरू होने के रूप में देखा जा रहा है।
प्रदीप ग्यावली ने कहा, ‘कुछ वक्त के लिए सीमा विवाद का मसला अलग किया जा सकता है, किंतु देर सबेर हमें इसका हल निकालना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘एक मुद्दे पर मतभेदों की छाया हमारे सभी आपसी मसलों पर नहीं पड़नी चाहिए। हमें आगे बढ़ना चाहिए। हम रचनात्मक संबंधों में विश्वास करते है और आगामी बैठक इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक कदम है।’ नेपाली विदेश मंत्री ने कहा,’ हमें इस बात का विश्वास है कि भारत के साथ हमारी दोस्ती सही दिशा में आगे बढ़ेगी।’