केन्द्रीय जेल दुर्ग का जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने किया औचक निरीक्षण

दुर्ग। राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा केन्द्रीय जेल दुर्ग का औचक निरीक्षण किया गया । केन्द्रीय जेल के निरीक्षण में सभी पुरूष एवं महिला बैरक में जाकर विचाराधीन बंदियों एवं सजायाफ्ता बंदियों से मुलाकात की गई तथा उनकी समस्या सुनी गई। केन्द्रीय जेल से बंदियों के द्वारा बताई गई समस्या के संबंध में पुछताछ की गई। निरीक्षण में यह विशेष रूप से देखा गया कि-’’ केन्द्रीय जेल में बंदियों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए क्या-क्या व्यवस्था की गई है। नवीन बंदी जो जेल में प्रवेश करते है उनके लिए कोविड-19 के संबंध में स्वास्थय चिकित्सा परीक्षण की व्यवस्था क्या है। बंदियों को मास्क दिया गया है अथवा नही । बंदियों के मध्य सोशल डिस्टेसिंग रखा जा रहा है अथवा नहीं ।केन्द्रीय जेल के निरीक्षण में यह पाया गया कि ’’ बंदियों के सामान का निरीक्षण किया गया जिसमें कोई आपत्तिजनक वस्तुएॅ अथवा नशा से संबंधित वस्तुएॅ नहीं पाई गई । बंदियों को दिये जाने वाले भोजन की जाॅच की गई भोजन की गुणवत्ता देखी गई तथा भोजन की सामग्री को देखा गया । बंदियों को दिये जानेे वाले भोजन को संतोष जनक पाया गया । बंदियों के बैरक की साफ-सफाई देखा गया । कई स्थानों पर साफ-सफाई में कमी पाई गई । ’’
निरीक्षण के दौरान 80 वर्ष से अंधिक उम्र के बंदियों पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया तथा उनके स्वास्थय पर विशेष ध्यान दिया जाने को कहा गया। बंदियों को जानकारी दी गई कि कोविड संकम्रण अवधि में न्यायालय में प्रकरणों की सुनवाई नही हो पा रही थी परंतु आज की परिस्थिति में विचाराधीन बंदियों के प्रकरणों की सुनवाई विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्मय से की जा रही है। श्री राजेश श्रीवास्तव, जिलान्यायाधीश/अघ्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग के द्वारा केन्द्रीय जेल दुर्ग के अधीक्षक के साथ बैठक ली तथा उन्हें केन्द्रीय जेल दुर्ग के निरीक्षण में पाई गई कमियों एवं अव्यवस्थाओं से अवगत कराया गया तथा तत्काल कार्यवाही करते हुए बंदियों के स्वास्थय एवं अन्य सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये। जेल में साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिये जाने का निर्देश जेल प्रशासन को दिया गया। महिला जेल में कुल 6 नाबालिक बच्चे हैं जो महिला कैदी के संरक्षण में है। उन बच्चों की पढाई सुनिश्चित करने हेतु कार्य किये जाने का निर्देश दिया गया। केन्द्रीय जेल दुर्ग के निरीक्षण में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट  मोहन सिंह कोर्रोम एवं सचिव  राहूल शर्मा भी उपस्थित रहें।