वायरस हो या सीमा विवाद, देश हर चुनौती से निपटने को है तैयार- पीएम मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नेशनल कैडेट कॉर्प्स के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे। कैडेट्स को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान में जिन नागरिक कर्तव्यों की बात कही गई है, वो निभाना सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत ने दिखाया है कि वायरस हो या सीमा विवाद, हम हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में जहां भी कोई महत्वपूर्ण काम होता है, वहां हमेशा एनसीसी के कैडेट्स पहुंचते हैं। उन्होंने देश की बेटियों का जिक्र करते हुए कहा कि वीर बेटियां हर मोर्चे पर शत्रु से लोहा लेने के लिए डटी हैं। आपके शौर्य की देश को जरूरत है और नई बुलंदी आपका इंतजार कर रही हैं। मैं आपमें भविष्य के अधिकारी देख रहा हूं।
संबोधन:-पिछले साल भारत ने दिखाया है कि वायरस हो या फिर सीमा की चुनौती, भारत पूरी तरह से तैयार है। आज देश दो देशी वैक्सीन बना चुका है, सेना का आधुनिकीकरण भी हो रहा है।
भारत को फ्रांस से 3 और राफेल मिले हैं। इनमें मध्य-हवा में ईंधन भरने की क्षमता है, ऐसा भारत के मित्र यूएई द्वारा ग्रीस और सऊदी अरब द्वारा मदद से हुआ है। यह मध्य-पूर्व के देशों के साथ भारत की मजबूत दोस्ती का चित्रण है।
ये वर्ष एक कैडेट के रूप में, भारतीय नागरिक के रूप में नए संकल्प लेने का वर्ष है। देश के लिए संकल्प लेने का वर्ष है, देश के लिए नए सपने लेकर चल पड़ने का वर्ष है।
1971 के युद्ध में, हमारे जवानों ने लोंगेवाला में एक रणनीतिक और निर्णायक लड़ाई जीती थी। पाकिस्तान के खिलाफ उस युद्ध में, भारत ने सीमाओं पर दुश्मन को हराया था।पाकिस्तान के असंख्य सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इस साल, हम इस युद्ध के 50 साल पूरे कर रहे हैं।
एनसीसी में महिला कैडेटों में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हमारे रक्षा बलों के हर मोर्चे को महिलाओं के लिए खोला जा रहा है। भारत की वीर बेटियां हर मोर्चे पर शत्रु से लोहा लेने के लिए डटी हैं। आपके शौर्य की देश को जरूरत है और नई बुलंदी आपका इंतजार कर रही हैं। मैं आपमें भविष्य के अधिकारी देख रहा हूं।
सरकार ने फायरिंग सिमुलेटर की संख्या एक से बढ़ाकर 98, लगभग 100 कर दी है। माइक्रो-लाइट फ्लाइट सिमुलेटरों की संख्या भी 5 से बढ़ाकर 48 और रोइंग सिमुलेटर को 11 से बढ़ाकर 60 कर दिया गया है। ये आधुनिक सिमुलेटर एनसीसी के प्रशिक्षण गुणों में सुधार करेंगे।
पिछले साल, 15 अगस्त को यह घोषणा की गई थी कि तटीय और सीमावर्ती क्षेत्रों के पास, देश के 175 जिलों में एनसीसी को नई जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिए सेना, नौसेना और वायु सेना एक लाख एनसीसी कैडेटों को प्रशिक्षित कर रही हैं। इनमें से एक तिहाई हमारी गर्ल कैडेट हैं।
सरकार ने एनसीसी की भूमिका को व्यापक बनाने की कोशिश की है। हमारी सीमाओं – भूमि और समुद्र- दोनों को जोड़ने में एनसीसी की भागीदारी बढ़ाई जा रही है।
इन सभी लक्ष्यों की प्रप्ति में भारत की युवा शक्ति की भूमिका और युवा शक्ति का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। आप सभी के भीतर मैं एक राष्ट्रसेवक के साथ ही एक राष्ट्र रक्षक भी देखता हूं।
ये कालखंड चुनौतीपूर्ण तो रहा लेकिन ये अपने साथ अवसर भी लाया। अवसर, चुनौतियों से निपटने का विजयी बनने का। अवसर, देश के लिए कुछ कर गुजरने का। अवसर, देश की क्षमताएं बढ़ाने का। अवसर, आत्मनिर्भर बनने का। अवसर, साधारण से असाधारण और असाधारण से सर्वश्रेष्ठ बनने का।
कोरोना के पूरे कालखंड में लाखों लाख कैडेट्स ने देश भर में जिस प्रकार प्रशासन, समाज के साथ मिलकर काम किया है वो प्रशंसनीय है। हमारे संविधान में जिन नागरिक कर्तव्यों की बात कही गई है, वो निभाना सभी का दायित्व है।
हमने कोविड के दौरान लोगों में उनकी जिम्मेदारियों के प्रभावी परिणाम देखे हैं। इस लड़ाई के कारण भारत ने महामारी का बखूबी सामना किया।
नक्सलवाद आज देश के कुछ ही जिलों में मौजूद है और कई लोगों ने इसका अभ्यास करना छोड़ दिया है और देश के विकास में योगदान दे रहे हैं।
बाढ़ से लेकर किसी भी अन्य प्राकृतिक आपदाओं में, एनसीसी कैडेटों ने ऐसी आपदाओं के दौरान भारत के लोगों की मदद की है। कोविड-19 के दौरान लाखों कैडेट्स ने समाज की सेवा करने में प्रशासन की मदद की।
दुनिया के सबसे बड़े यूनिफॉर्म यूथ ऑर्गनाइजेशन के रूप में एनसीसी दिनों-दिन और मजबूत होते जा रही है। शौर्य और सेवा भाव, भारतीय परंपरा को जहां बढ़ाया जा रहा है, वहां एनसीसी कैडेट नजर आता है। जहां संविधान के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने का अभियान चल रहा है, वहां भी एनसीसी कैडेट दिखते हैं।
26 जनवरी की परेड के दौरान आपने देश को गौरवान्वित किया। हमने देखा है कि दुनिया भर में अनुशासित देश हावी रहते हैं और भारत में, एनसीसी सामाजिक जीवन में अनुशासन को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।