अनुकंपा नियुक्ति मामला: जिला प्रशासन ने किया बीएसपी कर्मी का अंतिम संस्कार

भिलाई। बीएसपी में अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर मृत कर्मी कार्तिक राम ठाकुर के परिजन का 43वें दिन भी धरना जारी रहा। वहीं शव को सुपुर्दनामा में लेने से इंकार के बाद जिला और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में रामनगर मुक्तिधाम में मृत कर्मी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। बीएसपी के इतिहास में यह अपने तरह पहला मामला है। जिला प्रशासन ने सोमवार को मृत कर्मी कार्तिक राम ठाकुर के परिजन को अंतिम संस्कार की कार्यवाही शुरू करने की सूचना दी थी। लिखित जानकारी लेने से इंकार करने के बाद पुलिस प्रशासन ने सूचना धरनास्थल में ही चस्पा कर दिया था। इसके बाद बीएसपी के सेफ्टी विभाग के एजीएम मृदुल श्रीवास्तव और शोवन घोष द्वारा मृत कर्मी की पहचान किए जाने के बाद पंचनामा की कार्यवाही की गई। शव पुराना हो जाने की वजह से पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज रायपुर भेजा गया। शाम होने की वजह से मंगलवार की सुबह 11 बजे पीएम किया गया। यहां भी शव की दोबारा पहचान जीएम सेफ्टी विभाग के अफसरों ने की। पीएम के बाद चार बजे शव वापस भिलाई लाने के बाद रामनगर मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। परिजन अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने पर ही अंतिम संस्कार की मांग पर अड़े हुए हैं इसलिए जिला प्रशासन ने मृत बीएसपी कर्मी का पीएम कराने के बाद शव के कुछ हिस्से को प्रिजर्व कर रखा गया है।

अंतिम संस्कार के पूर्व भी चस्पा की नोटिस
पीएम के बाद जब शव को रायपुर से रामनगर मुक्तिधाम लाया जा रहा था, उस समय भी पुलिस प्रशासन ने अंतिम संस्कार की जानकारी देने अपने स्टाफ को धरनास्थल भेजा। इस बार भी परिजन ने जानकारी लेने से इंकार कर दिया। पुलिस प्रशासन को अंतिम संस्कार किए जाने की जानकारी देने के लिए धरनास्थल पर ही नोटिस चस्पा करना पड़ा।

कड़ी सुरक्षा में हुआ अंतिम संस्कार
अंतिम संस्कार में आशंका के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े उपाय किया गए थे। पुलिस अफसरों के साथ-साथ बड़ी संख्या में जवान सेक्टर-9 अस्पताल के मरच्यूरी के आसपास मौजूद थे। उसके बाद शव को रायपुर ले जाते और लाते समय भी वाहन के आगे पीछे पुलिस वाहन चल रहे थे। रामनगर में भी बड़ी संख्या में पुलिस जवान तैनात किए गए थे।

मृत बीएसपी कर्मी के बेटे महेंद्र राम ठाकुर ने बताया कि सुनने में आया है कि जिला प्रशासन ने पिता का अंतिम संस्कार कर दिया है। लेकिन जिस शव का अंतिम संस्कार किया गया है, वह पिता का ही है इसे लेकर आशंका है क्योंकि उनकी पहचान परिवार के किसी सदस्य ने नहीं की थी।

कहां अटक रहा मामला
4 जनवरी को बीएसपी कर्मी कार्तिक राम ठाकुर की इलाज के दौरान सेक्टर-9 अस्पताल में मौत हो गई थी। मृत्यु के पूर्व उन्होंने मेडिकल अनफिट के लिए आवेदन किया था लेकिन मेडिकल बोर्ड से मंजूरी मिल पाती उसके पहले ही मौत हो गई। परिजन मेडिकल अनफिट घोषित नहीं किए जाने के लिए प्रबंधन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। यदि मेडिकल अनफिट की प्रक्रिया पूरी हो गई होती तो अनुकंपा नियुक्ति का पेंच नहीं फंसता।

कर्मी की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर प्रबंधन और परिजन के बीच विवाद पहले भी होते रहे हैं। फिर दो साल पहले रामकुमार ध्रुव की मौत का मामला हो या बीते महीने ठेका श्रमिक पी जगन्नाथ राव की मौत का मामला। बीते तीन साल में अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर 5 बार विवाद की स्थिति बनी। किसी मामले में परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति मिली तो किसी मामले में बिना अनुकंपा नियुक्ति के ही प्रबंधन की समझाइश के बाद आंदोलन समाप्त हो गया। कार्तिक राम ठाकुर का मामला यह पहला है जिसमें जिला प्रशासन को उनका अंतिम संस्कार करना पड़ा। उसके बाद परिवार के सदस्य अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर 43 दिन से धरने पर बैठे हैं।