“एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना” अब प्रवासी मजदूर कहीं से भी ले सकेंगे राशन
नई दिल्ली। प्रवासी मजदूरों की मदद करने के लिए लागू की गई मोदी सरकार की ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना अगस्त 2019 में सिर्फ चार राज्यों के साथ हुई थी और अब इसकी पहुंच 32 राज्यों और क्रेंद्र शासित प्रदेशों तक हो गई है। खाद्य मंत्रालय के अनुसार चार अन्य राज्य दिल्ली, छत्तीसगढ़, असम और पश्चिम बंगाल को कुछ ही महीनों में इस प्रणाली में शामिल कर लिया जाएगा।
आंकड़ों के अनुसार, अगस्त और फरवरी के बीच डिजीटल सिस्टम के माध्यम से 2300 लाख लेनदेन हुए। सरकार ने मेरा राशन एप एप भी लॉन्च की है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत यह एप 67 फीसदी आबादी के लिए उपलब्ध है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडे ने एप की लॉन्चिंग के समय कहा था कि इस राशन कार्ड पोर्टेबलिटी सिस्टम के जरिए करीब 69 करोड़ लाभार्थियों को लाभ मिला है। वहीं हर महीने करीब 1.5 करोड़ ट्रांजेक्शन इसके जरिए हो रहे हैं। यह एप लाभार्थियों को राशन स्टॉक, उनके हिस्से और निकटतम उचित मूल्य की दुकानों का रियल-टाइम डाटा दिखाएगा, जहां से वे सस्ते अनाज खरीद सकते हैं। प्रवासी मजदूरों को डिजिटल राशन दुकानों पर सिर्फ अपना राशन कार्ड दिखाने की जरूरत है, जो अब 12 अंकों के बायोमेट्रिक आधार के साथ लिंक है।
इससे पहले जिस जिले का राशन कार्ड बना होता था, आपको उसी जिले में राशन मिल सकता था। वहीं अगर आप जिला बदल लेते थे तो इसका फायदा आपको नहीं मिलता। इससे गरीबों को आसानी से सस्ती कीमत पर अनाज मिलता है। एक देश, एक राशन कार्ड लागू होने के बाद गरीबी रेखा के नीचे वाले लोग किफायती कीमत पर देश के किसी कोने में राशन खरीद सकते हैं।
इन राज्यों में है वन नेशन वन कार्ड योजना की सुविधा
आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा , हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, मणिपुर, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिल नाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप, लद्दाख, जम्मू एंड कश्मीर, बिहार, सिक्किम, दादरा एंड नगर हवेली, तेलंगाना, पुडुचेरी, मेघालय, मिजोरम, झारखंड, अरुणाचल प्रदेशव नागालैंड में वन नेशन वन कार्ड योजना लागू है।