हिस्ट्रीशीटर पर फायरिंग करने वाले बदमाशों का 36 घंटे बाद भी सुराग नहीं

भिलाई :- सोमवार रात को हिस्ट्रीशीटर बृजेश राय उर्फ पिंकी राय पर फायरिंग करने वाले बदमाशों का 36 घंटे से ज्यादा समय बीतने के बाद भी सुराग नहीं लग सका है। पुलिस यह तक पता नहीं कर सकी है कि इस वारदात में कौन लोग शामिल थे। इसे कैंप और रिसाली क्षेत्रों के बदमाशों के बीच शुरू हुई वर्चस्व की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में भिलाई में गैंगवार की आशंका है।

चार दिन पहले भी कैंप और मरोदा क्षेत्र के कुछ लड़कों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था। सूत्र बताते हैं कि हिस्ट्रीशीटर पिंकी राय पर हुए हमले के तार उस हमले से भी जुड़ रहे हैं। पिंकी राय का मरोदा और रिसाली इलाके में वर्चस्व रहा है। वह खुद ही यहीं का रहने वाला है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इन गुटों के बीच हुए झगड़े के बाद ही पिंकी राय पर हमले की साजिश रची गई। हालांकि पुलिस इसे अभी भी कार खड़ी करने का विवाद ही मान रही है।

हिस्ट्रीशीटर बृजेश राय पर एक थाने में ही दर्ज हैं 27 मामले
भिलाई के रिसाली क्षेत्र का रहने वाला हिस्ट्रीशीटर बृजेश राय (44) पर अकेले नेवई थाने में 27 मामले दर्ज हैं। इनमें गंभीर प्रवृत्ति के अपराध भी शामिल हैं। पिंकी राय अपराध की दुनिया में पिछले दो दशकों से भी अधिक समय से शामिल रहा है। उसके अपराधों की लंबी लिस्ट है, लेकिन सबसे चर्चित कांड साल 2015 में नेवई थाने में घुसकर प्रभारी मनीष शिंदे को पीटने का किया था। तब पुलिस ने उस पर 10 से ज्यादा धाराओं में मामले दर्ज किए और क्राइम ब्रांच ने पिंकी राय सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया था।

FIR दर्ज करने पर पीटा था थाना प्रभारी को, मंत्री का भतीजा भी था आरोपी

नेवई क्षेत्र में रावणभाटा रिसाई के पास कुछ लोगों ने पान ठेले में तोड़फोड़ और लूटपाट की थी। इसका विरोध करने पर स्थानीय निवासी को भी पीटा और उसका मोबाइल छीन लिया था। दोनों पीड़ित 5 अक्टूबर 2015 की रात नेवई थाने में मामला दर्ज कराने पहुंचे थे। उसी समय बृजेश राय अपने अन्य साथियों के साथ पहुंचा और FIR लिखवाने से रोकने लगा। इस दौरान थाना प्रभारी SI मनीष शिंदे की भी पिटाई कर दी थी। तब बताया गया था कि आरोपी महिला एवं बाल विकास मंत्री रामशीला साहू के समर्थक हैं। इस मामले में मंत्री का भतीजा भी आरोपी था।

साल 1996 में मारपीट और धमकी से शुरू हुआ था आपराधिक सफर
बताया जाता है कि बृजेश राय पर सबसे पहले साल 1996 में धमकी और मारपीट के तहत नेवई थाने में अपराध दर्ज हुआ था। उसके बाद लगातार अलग-अलग आपराधिक मामले में शामिल रहा। बृजेश राय को राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने अब उसकी पुरानी फाइलों के पन्नों को खंगालना शुरू कर दिया है। इसमें से कई और लोगों की जन्म कुंडली खुल सकती है। फिलहाल पिंकी राय नेवई भाठा स्थित कंस्ट्रक्शन का काम करता है।

पुलिस बोली- कार साइड में खड़ी करने को लेकर हुए विवाद में चली थी गोलियां
पुलिस ने जो कहानी बताई है उसके अनुसार, सोमवार रात करीब 12 बजे पिंकी राय अपनी दुकान से घर जा रहा था। तभी रास्ते में टंकी मरोदा शीतला मंदिर के पीछे मंच टंकी मरोदा के पास अंधेरे में एक कार खड़ी दिखी। बीच रास्ते पर होने के कारण पिंकी राय ने अपनी कार का हॉर्न बजाया। इसके बाद भी जब वे नहीं हटे तो बृजेश राय कार से उतरा और युवकों को साइड देने के लिए कहा। इसी को लेकर विवाद बढ़ने लगा। दूसरी कार में सवार युवकों ने कट्‌टे से तीन राउंड फायरिंग कर दी और भाग निकले।