लाइसेंस विहीन हाईटेक को बचा रहा है प्रशासन, कोरोना के इलाज में लापरवाही से हुई महिला की मौत के मामले में कार्यवाही पर उठे सवाल

दुर्ग। नेहरू नगर भिलाई में दो वर्ष से लाइसेंस के बिना संचालित हाइटेक सुपरस्पेशलिटी हास्पिटल को कोरोना काल में कोविड के इलाज की अनुमति प्रशासन ने किस आधार पर प्रदान की है। इसे लेकर सवालिया निशान खड़े हो गए है। माह अप्रेल 2021 में कोरोना के इलाज के दौरान हुई रिसाली निवासी माया शर्मा की मौत के समय जहां बी.एस.आर. अस्पताल का लाइसेंस मई 2019 में समाप्त हो चुका था वहीं इसी अस्पताल में संचालित हाईटेक अस्पताल के पास भी लाइसेंस नही था। इसके बाद भी प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग गैर लाइसेंसधारी अस्पताल को कोरोना के इलाज के लिए अनुमति प्रदान की। इससे इस प्रकरण में अस्पताल प्रबंधन के साथ प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की भूमिका भी संदेह के दायरे में आ गई है।

जानकारी के अनुसार नेहरू नगर भिलाई में वर्तमान में जहां हाईटेक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल संचालित है वहां पहले बी.एस.आर. अस्पताल चल रहा था। बी.एस.आर. अस्पताल का लाइसेंस मई 2019 में समाप्त हो चुका था। माया शर्मा की मौैत के मामले में की गई जांच में यह तथ्य सामने आया है। इसी अस्पताल में 14 दिसंबर 2019 से हाईटेक अस्पताल शुरू हुआ है। जब यह अस्पताल शुरू हुा तब इस अस्पताल के संचालक मनोज अग्रवाल ने इसका अस्थाई पंजीयन भी नही करवाया था। इसके बाद हाईटेक सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल धड़ल्ले से लाइसेंस लिए बिना ही मरीजो का इलाज करता रहा। स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के अनुसार मार्च 2021 से इसका अस्थाई पंजीयन हुआ। इसका अस्थाई पंजीयन क्रमांक टी-दुर्ग 10710 दिनांक 17-3-2021 है। इससे स्पष्ट है कि दिसंबर 2019 में शुरू होने के बाद फरवरी 2021 तक हाइटेक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के पास स्थायी तो दूर अस्थाई लाइसेंस भी नही था।

इसके बाद भी कोरोना के इलाज के लिए प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने इसे अनुमति प्रदान की। हाईटेक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल मार्च 2021 से नर्सिंग होम एक्ट 2013 के तहत अस्थाई पंजीकृत अस्पताल बना है। इस अस्पताल द्वारा एन.एच.ए. के अंतर्गत न्यू लाइसेंस के लिए शुल्क जमा कर 19 जुलाई 2021 को आवेदन दिया गया है। जनवरी 2022 की अवधि तक इस अस्पताल को न्यू लाइसे्ंस देने की प्रक्रिया लंबित है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसकी जानकारी लिखित रूप से दी गई है।

बी.एस.आर. के नाम पर कार्यवाही क्यों?

प्रशासन स्वास्थ्य विभाग हाईटेक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पर किस कदर मेहरबान है इसका ताजा उदाहरण कोरोना से हुई रिसाली निवासी माया शर्मा की मौत से सामने आया है। माया शर्मा को 20 मार्च को उपचार के लिए भर्ती कराया गया था और 3 अप्रेल 2021 को माया शर्मा की मौत हो गई है।  अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही के साथ चार लाख रू. के मनमानी बिलिंग का आरोप लगाते हुए मृतका के प्रति सत्यव्रत शर्मा ने शिकायत क ी थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस मामले की जांच कर कलेक्टर पर्यवेक्षी अधिकारी को प्रतिवेदन सौंपा। प्रतिवेदन में जांच अधिकारियो ने हाईटेक अस्पताल के लाइसेंस को कोई जिक्र नही किया है। जबकि शिकायत हाईटेक के नाम पर की गई है। जांच अधिकारियो ने बी.एस.आर. हास्पिटल के लाइसेंस को मई 2019 में समाप्त हो जाने का आधार बताया है। हाईटेक के लाइसेंस विहीन होने के संदर्भ  में कोई अभिमत नही दिया। कार्यवाही  हाईटेक की बजाय बी.एस.आर. के नाम पर की गई है। हाईटेक अस्पताल के प्रति उदारता ही चर्चा का विषय है।