ऑस्ट्रेलिया में संकट में पड़े चिकित्साकर्मी, दुकानदारों ने दुकान में घुसने पर लगाई रोक
सिडनी । ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस से 2,317 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि इससे प्रभावित 8 लोगों की मौत हो चुकी है। महासंकट की इस घड़ी में कोरोना का इलाज कर रहे डॉक्टरों और नर्सों की मुसीबत बढ़ गई है। लोग उन्हें शक की नजर से देख रहे हैं। उनका कहीं भी आने जाने पर लोग विरोध कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में कोरोना संक्रमित मरीजों का ध्यान रखी रही नर्सें दिन-रात काम में लगी हैं। काम से थककर जब ये नर्सें दुकानों में सामान खरीदने जाती हैं तो इनकी यूनिफॉर्म देखकर दुकानदार उन्हें एंट्री नहीं दे रहे हैं। ऐसी कई घटनाएं सामने आने के बाद गोल्ड कोस्ट हेल्थ ने अपने स्टाफ से कहा है कि वे सार्वजनिक जगहों पर यूनिफॉर्म पहनकर न जाएं।
माना जा रहा है कि लोगों को यह डर सता रहा है कि वे अगर हेल्थ वर्कर्स के संपर्क में आए, तो उन्हें कोरोना का संक्रमण हो सकता है। हालांकि उनका यह भय पूरी तरह से गैरवाजिब है क्योंकि काम खत्म करने के बाद हेल्थ वर्कर्स को संक्रमण मुक्त किया जाता है। इससे कोरोना वायरस के फैलने का खतरा नहीं रहता है। यही नहीं काम पर जाने के दौरान लोगों का नर्सों के साथ झगड़ा भी हो रहा है। गोल्ड कोस्ट हेल्थ ने अपने ईमेल में कहा भय एक ऐसा कारक है, जो हिंसा और आक्रामक व्यवहार को बढ़ावा देता है। संस्था ने कहा कि वह लोगों में मेसेज भेजकर अपने हेल्थ हीरो का सम्मान करने के लिए कहेंगे। बताया जा रहा है कि उसी हॉस्पिटल में काम कर रहे एक डॉक्टर ने कहा कि हम लोग अपने परिवार को दिए जाने वाले समय को मरीजों के इलाज में दे रहे हैं। इसके लिए हमने अपनी छुट्टियां भी खत्म कर दी हैं।
भारत में भी चिकित्साकर्मियों को इस दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले दिल्ली के एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा कि कोरोना के डर से कई मकान मालिक डॉक्टरों को घर खाली करने दबाव बना रहे। इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से बात की है, डॉक्टरों को हो रही परेशानी के संबंध में कार्रवाई करने के लिए कहा है।