जग्गी हत्याकांड : हाईकोर्ट ने 28 आरोपियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने अहम फैसले में एनसीपी नेता रामअवतार जग्गी मर्डर केस के 28 दोषियों की अपील को खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद वर्मा की डिवीजन बेंच ने आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है।
डिवीजन बेंच ने बीती 29 फरवरी को रामअवतार जग्गी हत्याकांड के दोषियों की अपील पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, जिस पर गुरुवार को आदेश जारी किया गया है। उम्रकैद की सजा पाने वालों में तत्कालीन सीएसपी अमरीक सिंह गिल, तत्कालीन मौदहापारा थाना प्रभारी वी.के.पांडे तथा उप निरीक्षक आर सी त्रिवेदी के अलावा रायपुर मेयर एजाज ढेबर के भाई याहया ढेबर और शूटर चिमन सिंह शामिल हैं।
बाता दे कि जून 2003 को एनसीपी नेता रामअवतार जग्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 31 अभियुक्त बनाए गए थे। जिनमें से दो बुल्ठू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। अमित जोगी को छोड़कर बाकी 28 लोगों को सजा मिली थी। स्थानीय अदालत ने मुख्य आरोपी अमित जोगी को बरी कर दिया था। रामअवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी ने अमित जोगी को बरी करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिस पर अमित के पक्ष में स्टे है।
इधर, हाईकोर्ट में अपील पर रामअवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी के अमित जोगी की दोषमुक्ति के खिलाफ पेश क्रिमिनल अपील पर उनके अधिवक्ता बीपी शर्मा ने तर्क दिया और बताया कि हत्याकांड की साजिश तत्कालीन राज्य सरकार की ओर से प्रायोजित थी। जब सीबीआई की जांच शुरू हुई, तब सरकार के प्रभाव में सारे सबूतों को मिटा दिया गया था। ऐसे केस में सबूत अहम नहीं हैं, बल्कि षड्यंत्र का पर्दाफाश जरूरी है।
लिहाजा, इस केस के आरोपियों को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त नहीं किया जा सकता। अभियुक्तों की तरफ से उनके वकीलों ने बहस की। उन्होंने हत्याकांड में पर्याप्त सबूत के बिना सजा देने की बात कही। वहीं, सीबीआई की ओर से दलील दी गई और बताया गया कि किस आधार पर हत्याकांड की जांच कर आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई थी। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अहम फैसला देते हुए आरोपियों की अपील खारिज कर दी। इस फैसले के बाद जग्गी हत्याकांड में अमित जोगी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
याहया ढेबर रामअवतार जग्गी हत्याकांड का मुख्य आरोपी याहया ढेबर रायपुर ढेबर बंधुओं में से एक है। पांच भाइयों में एजाज ढेबर रायपुर के मौजूदा मेयर हैं। वहीं, एक भाई अनवर ढेबर शराब कारोबारी है। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला केस में ED ने उसे 6 मई 2023 को गिरफ्तार किया था, हालांकि बाद में HC से जमानत पर रिहा कर दिया गया।