हाईकोर्ट ने जताई चिंता, कहा कानफोडू डीजे और लेजर लाइट दोनों से परेशानी
बिलासपुर| छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में कानफोडू डीजे की तेज आवाज से होने वाली परेशानी पर जनहित याचिका की सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के बेंच में हुई। कोर्ट ने इस मामले में चिंता जताते हुए कहा कि डीजे की आवाज से परेशानी तो होती ही है वहीं बीम लाइट से आंखों को खतरा है। इसे रोकने का प्रयास राज्य सरकार को करना चाहिए।
बता दें, कानफोडू डीजे की शोर से आम लोगों को होने वाली परेशानी को देखते हुए हाईकोर्ट ने स्वतः ही संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई शुरू की है। लगातार इस पर सुनवाई हो रही है। इस पर कोर्ट ने कहा कि आवाज से तो लोग परेशान है साथ ही उसके लेजर बीम लाइट से भी लोगों को परेशानी होती है लेजर बीम लाइट आंखों के लिए खतरा है।
इसे रोकने राज्य सरकार को प्रयास करना चाहिए। सुनवाई के दौरान दो हस्तक्षेप आवेदन दिए है। इसमें आपात नंबर 112 पर सूचना दिए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने की जानकारी दी गई। महाधिवक्ता ने इसे लेकर की गई कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डीजे और अन्य वाहन माउंटेन साउंट सिस्टम में लेजर लाइट पर पहले से ही रोक है। उल्लंधन पर जुर्माना लग रहा है। बार-बार उल्लंघन पर वाहन जब्त किए जा रहे हैं।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि डीजे के साथ लेजर लाइट के उपयोग से आम लोगों की आंखों को परेशानी हो रही है। डीजे से हार्ट के साथ ऐसे घूमने वाले लेजर लाइट से आंखों को खतरा हो रहा है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रतिमा विसर्जन के बाद लकड़ियों के ढांचे और अन्य तरह की गंदगी अनादर जैसा महसूस कराती है। कोर्ट इस बारे में निर्देश जारी नहीं कर सकता। हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।