निसंतान पत्नी ने किया पति का अंतिम संस्कार, भतीजे ने रखी थी जमीन या पैसे की शर्त
कोरिया| कोरिया जिले से एक बहुत ही हैरान करने वाली खबर सामने आयी है। यहां पर एक निसंतान पत्नी ने अपने पति को मुखाग्नि दी है और सभी प्रकार से अंतिम संस्कार किया है। महिला के भतीजे ने अंतिम संस्कार करने के लिए महिला के सामने यह शर्त रख थी कि वह तभी अंतिम संस्कार करेगा जब वह 5 डिसमिल जमीन देगी या फिर 1 लाख रुपए देगी।
आपको बता दें कि यह मामला जिले के पटना के करंजी इलाके का है, बताया जा रहा है कि महिला ने पहले तो जमीन बेचकर कैंसर पीड़ित पति का इलाज करवाया था। वह पहले से ही परेशान थी लेकिन पति की मौत के बाद उसके सामने अंतिम संस्कार करने की मुश्किल आ गई। क्योंकि उनके पास कोई संतान नहीं थी, जिसके कारण उसने भतीजे को पति का अंतिम संस्कार करने को कहा लेकिन उसने भी पांच डिसमिल जमीन या एक लाख रुपए देने को कहा। जिसके बाद महिला ने खुद ही अपने पति को कंधा दी और उसने ही अंतिम संस्कार के सारे रीति रिवाज निभाई।
कोरिया जिले के पटना से सटे ग्राम पंचायत करजी के मुक्ति धाम में एक महिला ने अपने पति को मुखाग्नि दी। जिसे देख कर ग्रामिणों के आंखों से आंसू आ गए। बताया जा रहा है कि, ग्राम पंचायत करजी निवासी कतवारी लाल राजवाड़े (47) अपनी पत्नी श्यामपति के साथ रहता था। कतवारी लाल पिछले दो साल से मुंह के कैंसर से पीड़ित था। करीब 6 महीने से स्थिति बहुत दयनीय हो गई थी। इलाज के लिए पत्नी ने हिस्से में मिले जमीन को बेच दिया। लेकिन कतवारी की जान नहीं बच सकी।
श्यामपति के शादी के 25 साल बाद भी उनकी कोई संतान नहीं है। तब राजवाड़े समाज के लोगों ने मृतक कतवारी के बड़े भाई के लड़के संतलाल को मुखाग्नि देने और क्रिया कर्म करने की सलाह दी। तब संतलाल ने इसके बदले एक लाख रुपये या 5 डिसमिल जमीन की मांग की। मृतक की पत्नी ने कहा कि, उनके पास महज 15 से 20 डिसमील जमीन जीवन यापन करने के लिए है उसमें से वह 5 डिसमील जमीन दे देगी तो जीवन यापन कैसे करेगी।
बताया जा रहा है कि वह 15 हजार रुपए देने के लिए तैयार थी लेकिन वह नहीं माना तब अंत में मृतक कतवारी लाल राजवाड़े की पत्नी श्यामपति राजवाड़े ने स्वयं मुखाग्नि देने और समस्त क्रिया कर्म करने का फैसला लिया और अपने पति के अर्थी को कांधा देकर मुक्तिधाम पहुंची और मुखाग्नि दी। पति की अर्थी को कंधा देकर मुक्तिधाम ले जाते और अंतिम संस्कार में मुखाग्नि देते हुए देखने वालों के आंखों से आंसू आ गए।