जिले मे जैव विविधता पार्क में अनूठा प्रयोग, जापान की मियावाकी तकनीक से बनाई जाएगी वाटिका
दुर्ग। जिले के ग्राम फुंडा में बन रहे जैव विविधता पार्क में अनूठा प्रयोग किया जा रहा है। यह वाटिका जापान की मियावाकी तकनीक से बनाई जाएगी। इसमें 10 गुना तेजी से पौधे बढ़ते हैं और 30 गुना सघन वन तैयार होता है। फूंडा के 20 एकड़ क्षेत्र में वनस्पति वाटिका का विकास किया जाएगा। इसके द्वारा राज्य में जैव विविधता को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पाटन विकासखंड के ग्राम फूंडा में अरबोरिटम (वनस्पति वाटिका) का भूमिपूजन किया। वर्चुअल कार्यक्रम को जिले के प्रभारी मंत्री एवं वन मंत्री मोहम्मद अकबर, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू एवं सचिव वन विभाग मनोज पिंगुवा ने भी संबोधित किया। इस मौके पर आईजी विवेकानंद सिंहा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरके सिंह, मुख्य वन संरक्षक शालिनी रैना, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे,एसपी प्रशांत ठाकुर, डीएफओ धम्मशील गणवीर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
डीएफओ धम्मशील गणवीर ने बताया कि इस वनस्पति वाटिका के लिए मियावाकी तकनीक का उपयोग किया जा रहा है जिसमें पौधे की विभिन्न प्रजातियों को एक दूसरे के करीब लगाया जाता है जिससे पौधे केवल ऊपर से सूर्य का प्रकाश प्राप्त कर, प्राकृतिक रूप से ऊपर की ओर वृद्धि करते हैं। वाटिका को पर्यावरण के लिए जागरूकता का केंद्र बनाया जाएगा। यह परियोजना 5 वर्षों की है एवं इसे 80 लाख रुपए की लागत से पूरा किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना में प्रतीकात्मक रूप से पंजीयन भी कराया गया। दुर्ग वन मंडल के अंतर्गत कृषक मोहन बघेल ग्राम-गब्दी, कौशल चंद्राकर ग्राम-आलामोरी, पुरुषोत्तम कश्यप ग्राम- अखरा, महेंद्र वर्मा ग्राम -देवादा और देवेंद्र चंद्रवंशी ग्राम- पाटन को पंजीयन कराए जाने के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के ओएसडी आशीष वर्मा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक साहू एवं अन्य जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे।
लगेंगे 100 से ज्यादा प्रजातियों के लगभग 3000 पेड़
दुर्ग संभाग के पहले वनस्पति वाटिका में विभिन्न प्रजाति के पौधों का रोपण किया जाएगा। ग्राम फूंडा के आंवले के बगीचे के पास बनने वाली वनस्पति वाटिका में 100 से ज्यादा प्रजातियों के लगभग 3000 पेड़ लगाए जाएंगे। वन विभाग ने बताया कि दो चरणों में इसका विकास किया जाएगा। वनस्पति वाटिका में स्थानीय प्रजातियों के पेड़ एवं पौधों को ज्यादा से ज्यादा प्राथमिकता में रखा जाएगा। इसमें मुख्य रूप से हल्दू, मुंडी, साल, साजा, सागौन, खमार, सेमल, कुसुम, हर्रा, बहेरा, पलाश, कौहा, जाम, पीपल, बरगद, कटहल, आम, आंवला सहित अन्य प्रजातियों के पेड़ पौधे लगाए जाएंगे। वनस्पति वाटिका की खास बात यह होगी कि इसमें प्रत्येक प्रजाति के पेड़ पौधों की सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक पहलुओं को वर्णित किया जाएगा।
शैक्षणिक ज्ञान का बनेगा महत्वपूर्ण स्त्रोत: सीएम बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसका शिलान्यास करते हुए कहा कि फुण्डा में विकसित किए जा रहे जैव विविधता उद्यान से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ग्रामीणों में जन जागरूकता लाने में काफी मदद मिलेगी। यह बहुआयामी योजना स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ विद्यार्थियों तथा भावी पीढिय़ों के लिए शैक्षणिक ज्ञान का महत्वपूर्ण स्त्रोत भी होगी। यह परियोजना क्षेत्र के प्राकृतिक सौन्दर्य को बढ़ाने और पर्यावरण को स्वस्थ तथा स्वच्छ बनाने का भी जरिया बनेगी। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि यह परियोजना आगामी 5 वर्षों में 80 लाख रूपए की लागत से पूर्ण की जाएगी। योजना से पर्यावरण संरक्षण के साथ ग्रामीणों में अपने पर्यावरण को लेकर जागरूकता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।