विदेशी नागरिक भी विवाह पंजीकरण के हकदार, एक पक्ष का भारतीय होना जरूरी नहीं: हाईकोर्ट


नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत विदेशी नागरिक भी विवाह के लिए पंजीकरण के हकदार हैं। अदालत ने विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि इसके तहत एक जोड़े के विवाह के अनुष्ठान और पंजीकरण के लिए कम से कम एक पक्ष का भारत का नागरिक होने की कोई आवश्यकता नहीं है।

न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह ने कहा कि अधिनियम की धारा 4 में कोई संदेह नहीं है कि कोई भी दो व्यक्ति अपनी शादी को तब तक पूरा कर सकते हैं जब तक कि प्रावधान में निर्धारित शर्तें पूरी होती हैं। अदालत ने कहा धारा 4 के उप-खंड A, B, C और D नागरिकों के लिए कोई संदर्भ नहीं देते हैं। यह केवल धारा 4 की उप-धारा E में है, जहां कानून की आवश्यकता है कि जम्मू और कश्मीर में विवाह के मामले में दोनों पक्षों को भारत का नागरिक होना चाहिए।

अधिनियम की धारा 4 के तहत विवाह के अनुष्ठान से संबंधित विभिन्न शर्तों का उल्लेख करती है। कोर्ट ने कहा कानून ने धारा 4 की उप-धारा E में नागरिकों के विपरीत प्रारंभिक भाग में किसी भी दो व्यक्तियों के बीच स्पष्ट अंतर किया है, यह स्पष्ट है कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत कम से कम एक पार्टी का भारत का नागरिक होने की आवश्यकता नहीं है।
